रक्षाबन्ध

यह त्योहार भाई-बहन को स्नेह की डोर में बांधता है।

इस दिन बहन अपने भाई के मस्तक पर टीका लगाकर रक्षा का बन्धन बांधती है, जिसे राखी कहते हैं। 

 रक्षाबन्ध भाई-बहन के इसी अट्टू प्यार को दर्शाता है राखी का त्योहार।

हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन रक्षाबधन का त्योहार मनाया जाता है।

 बहन इस दिन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है और बदले में भाई अपनी बहन की सदैव रक्षा करने का वचन देता है। ये सब हम जानते हैं और इस त्योहार को कुछ इसी तरह हर साल मनाते हैं।

 रक्षाबन्ध भाई-बहन के इसी अट्टू प्यार को दर्शाता है 

 बहन इस दिन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है और बदले में भाई अपनी बहन की सदैव रक्षा करने का वचन देता है। ये सब हम जानते हैं

रक्षाबंधन की शुरुआत का सबसे पहला साक्ष्य रानी कर्णावती व सम्राट हुमायूँ हैं। 

 रानी कर्णावती , गुजरात के सुल्तान से की सुरक्षा का कोई रास्ता न निकलता देख रानी ने हुमायूँ को राखी भेजी थी।

राखी कौन से हाथ में बांधी जाती है?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार
दायीं कलाई में राखी

शरीर के