स्टेज पर पड़ा था जो पर्दा वो उठ चुकाजो अक़्ल पर पड़ा है वो पर्दा उठाइए- दिलावर फ़िगार
देख कर हम को न पर्दे में तू छुप जाया करहम तो अपने हैं मियाँ ग़ैर से शरमाया करमुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी