इस साल गुप्त नवरात्रि 30 जून को शुरू होकर 9 जुलाई तक रहेगी। साल में चार नवरात्रि पड़ती है। गुप्त नवरात्र में मां दुर्गा की पूजा करने से व्यक्ति रोग, आर्थिक संकट जैसी कई समस्याओं से निजात पाता है।
हर साल 4 नवरात्रि आती है, जो पौष, चैत्र आषाढ़ और अश्वनी मास में पड़ती है
इन में दो गुप्त नवरात्रि शामिल है.
पहली गुप्त नवरात्रि को आषाढ़ गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। यह आषाढ़ के महीने में आती है। इस साल आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 30 जून से शुरू होकर 9 जुलाई तक रहेगी।
मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि के दौरान विधि-विधान संपूर्ण नियम के साथ पूजा व्रत रखकर मां दुर्गा को प्रसन्न किया जा सकता है। मां दुर्गा की कृपा से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है।
गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्या देवियों की पूजा की जाती है। इसमें तारा, त्रिपुर सुंदरी, भुनेश्वरी, छिन्नमस्ता, काली, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी व देवी कमला हैं।
इस दिन सभी देवियों की विधि विधान से पूजा करने पर हर मनोकामना पूरी होती है। इस दिन पूजा के दौरान इस मंत्र का जाप जरूर करें- ओम् दुं दुर्गायै नमः का जाप करें।
- मंत्र : ॐ दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तोः । स्वस्थैः स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि ।।
- मंत्र : ॐ सर्वाबाधा वि निर्मुक्तो धन धान्य सुतान्वितः । मनुष्यो मत्प्रसादेन भवष्यति न संशय ॥
-मंत्र : ॐ शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे । सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमोऽस्तु ते ।।
- मंत्र : ॐ ऐश्वर्य यत्प्रसादेन सौभाग्य-आरोग्य सम्पदः । शत्रु हानि परो मोक्षः स्तुयते सान किं जनै ।।
-मंत्र : ॐ सर्वस्य बुद्धिरुपेण जनस्य हृदि संस्थिते । स्वर्गापवर्गदे देवि नारायणि नमोऽस्तु ते ।।
मां दुर्गा की कृपा से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है।