कैप्टेन विक्रम बत्रा परमवीर चक्र 

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क्या आप ने कैप्टेन विक्रम बत्रा परम वीर चक्र की कहानी पढ़ी 

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अगर आपका जबाब ना है तो सच में आपने कुछ भी नहीं पढ़ा 

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विक्रम बत्रा को शेरशाह के नाम से भी जाना जाता है ,इनके बहादुरी से भरे हुए जीवन के ऊपर शेरशाह नाम से एक फिल्म भी बनी है 

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कारगिल युद्ध के दौरान जब कैप्टेन विक्रम बत्रा ने अपने दल के साथ पॉइंट  51 40 पर कब्ज़ा किया उसके बाद उन्होंने विक्टरी सन्देश पास किया '''' ये दिल मांगे मोर '''

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ये दिल मांगे मोर के विक्ट्री सन्देश से कैप्टेन विक्रम बत्रा पुरे देश में फ़ेमस हो गये थे 

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कारगिल के युद्ध में देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने के लिये कैप्टेन विक्रम बत्रा को परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था 

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मस्कोह पॉइंट 48 75 को दुश्मन से आज़ाद करवाते समय वे वीरगति को प्राप्त हो गये थे 

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कैप्टेन विक्रम बत्रा 13 जम्मू कश्मीर रेजिमेंट से थे.
कारगिल युद्ध में जाने से पहले वे घर छुट्टी आये थे ,उस समय उन्होंने अपने दोस्त से कहा था की 

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या तो  मै तिरंगा फेहरा के आऊंगा ,या तिरंगे में लिपट कर आऊंगा 

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और कैप्टेन ने अपनी बात को सत्य साबित किया 

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कैप्टेन विक्रम बत्रा की प्रेम कहानी भी बहुत फ़ेमस है ;वे डिम्पल नाम की लड़की से शादी करने वाले थे 

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लेकिन एक सैनिक सबसे ज्यादा प्रेम अपने देश,अपनी यूनिट और अपने कर्त्यव्य से करता है ,और उसी कर्तव्य प्रेम के लिये उन्होंने देश के लिये सर्वोच्च बलिदान दिया 

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डिम्पल चीमा ने कैप्टेन विक्रम के शहीद होने के बाद आज तक शादी नही की 

कैप्टेन विक्रम बत्रा की कहानी पढने के लिये निचे दिए गए लिंक पर क्लिक करे जय हिन्द 

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