Nar ho n nirash karo man ko
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नर हो न निराश करो मन को लेखक राम धारी सिंह दिनकर
कुछ काम करो, कुछ काम करो, नर हो न निराश करो मन को
इस जीवन को व्यर्थ न जाने दो कुछ काम करो नर हो निराश मत हो
कवि कहते हैं की ईशवर ने ने आपको अमूल्य जीवन दिया है इसका उपयोग करे
नर हो न निराश करो मन को कुछ काम करो, कुछ काम करो,
जीवन मे कोई भी काम अशम्भव नहीं है कार्य करते रहे नर हो न निराश करो मन को,
कवि कहतें है कि फालतू बकवास कामों मे समय नस्ट न करे, अच्छे कार्य करें,
Nar ho n nirash karo man ko poem ke wrighter ramdhari singh dinkar.
लेखक कहतें है कि जीवन में कभी भी निराश नहीं होना चाहिये, जीवन को बर्बाद मत करो, नर हो निराश मत हो
नर हो न निराश करो मन को कविता को पुरा पढ़ने के लिए इस लिंक को दबाये 👇
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