शनि पाप ग्रह है। यह सूर्य का पुत्र यम तथा यमुना का भाई है। मनुष्य को उसके पूर्व पाप का दंड देने के लिए वह अपने हाथ में (अपने भाई यम की भांति) लोहे का दंड धारण किए हुए है।
- शिवलिंग का पूजन|
-अर्चन और रुद्राभिषेक करना।
- हनुमान जी को चोला चढ़ाना और सुंदरकांड, हनुमान चालीसा तथा हनुमानाष्टक का पाठ करना।
- भैरव चालीसा, भैरवाष्टक, भैरव, स्तोत्र, अष्टोत्तर शतनाम का पाठ करना।
- शनि चालीसा का नित्य पाठ, शनि स्तोत्र का पाठ, शनि के मंत्रों का जपादि करना।