मध्यप्रदेश के मालवा क्षेत्र में दो ज्योतिर्लिंग स्थित है। एक बाबा महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग एवं दूसरा है ओंकारेश्वर में ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग।

पौराणिक कथाओं के अनुसार श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग को पृथ्वी की नाभि केंद्र माना गया है एवं काल गणना का केंद्र माना गया है।

श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग उज्जैन में क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित है। उज्जैन में बहने वाली नदी क्षिप्रा, एकमात्र ऐसी नदी है जो दणिण से उत्तर की ओर बहती है।

वही ओंकारेश्वर में ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग नर्मदा नदी के तट पर स्थित है। पौराणिक कथाओं में नर्मदा नदी का विशेष उल्लेख मिलता है।

मध्यप्रदेश के उज्जैन एवं इंदौर संभाग भी धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से विशेष महत्व रखते है।

उज्जैन के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर क्षेत्र के विस्तार के प्रथम चरण का कार्य पूर्ण हो गया है।

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जिसे 'महाकाल लोक' नाम दिया गया है।

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महाकाल लोक में मुख्य गलियारे का निर्माण किया गया है, जिसकी कुल लम्बाई लगभग 900 मीटर है।

रूद्र सागर के किनारें पर सम्पूर्ण महाकाल लोक का निर्माण किया गया है। 

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